Saturday, March 13, 2010

Sunday Message- You have been set free/ तुम छुटकारा पा चुके हो

तुम छुटकारा पा चुके हो 
असमय या अस्वाभाविक मृत्यु एक ऐसा श्राप है जो ना केवल एक व्यक्ति को बल्कि समाज की इकाई एक परिवार या कुनबे को प्रभावित कर देती है |
लोग इस बात का अहसास करतें हैं कि यह एक अनदेखी ताकत है जो किसी एक परिवार या वंश में लगातार काम करती है और अंततः उनका नाश करती है | लोग इस बात को स्वीकार भी करतें है पर जानते नहीं कि किस तरह से इस स्थिति को हटाया जाए| इसी कारण वे कुछ इस तरह से टिप्पणी देतें है कि ऐसा मेरे  पिता के साथ हुआ है तो मेरे साथ भी होगा, ऐसा हमारे वंश में होता आया है, अब मेरा नंबर है, मैं जानाता हूँ कि मैं 45 साल से ज्यादा नहीं जीऊँगा, मेरे परिवार के सभी आदमी कम उम्र में नहीं रहें, इत्यादि |
इस तरह के लोग नकारात्मक विश्वास रखतें हैं और जीवन के बजाय मौत के भय के तले रहतें हैं |
ऐसा विचार उनके दिमाग में कहाँ से आता है ?
पढ़ें 2 तीमुथियुस 1:7
 परमेश्वर ने हमें भय का आत्मा नहीं दिया है परन्तु सामर्थ्य, प्रेम और संयम का आत्मा दिया है 
तो फिर भय का विचार कौन देता है ?
शैतान !
बोलो- परमेश्वर ने मुझे अपनी शान्ति से भर रखा है
यहाँ पर यह प्रश्न उठता है कि ऐसा लोगों के जीवन में क्यों होता है ?
उत्तर सीधा है - पाप के कारण
पिछले हफ्ते हम लोगों ने जीवन में उथल-पुथल के कारणों को जानने की कोशिश की | मेरी प्रार्थना है कि पवित्र आत्मा प्रकाशन दे ताकि लोग सत्य को पहचाने और छुटकारा पायें |
मैं हमेशा से ये सुनती आई हूँ कि हमारे खानदान में नौ पीढ़ी तक की लड़कियां श्रापित थी, इसी कारण वो नहीं बचती थीं | ये कहानी कुछ इस तरह जाती है कि दस पीढ़ी पहले हमारे परिवार की लड़की को जो खेतों में पलने वाले सांप को दूध पिलाया करती थी, एक दिन उस सांप के द्वारा श्रापित कर दी गयी| जो कहानी मैंने सुनी वो कुछ इस तरह है कि घर में शादी का उत्सव होने के कारण उस लड़की ने सांप की बांबी  के बाहर गरम दूध रख दिया जिससे क्रोधित होकर सांप ने सपने में उसकी माँ से बोला कि इस गलती के कारण वो नौ पीढ़ियों तक की लड़कियों को शापित कर रहा है |
चूँकि सबने उसकी बांतों पर विश्वास किया इस कारण हमारे खानदान में नौ पीढ़ी तक लड़कियाँ नहीं बचीं  | उसके बाद की पीढ़ी में सब ठीक रहा|
मेरे परिवार की कहानी  हमें उस बात की ओर ले जाती है कि -
हम क्या सुन रहें हैं?
और कहाँ से सुन रहें हैं?
क्या ये परमेश्वर का वचन उसके लोगों के लिए है ?
कदापि नहीं !
परमेश्वर का वचन कहता है कि विश्वास सुनने से आता है
क्या सुनने से आता है?
परमेश्वर के वचन सुनने से आता है
क्या इन बातों का या समस्याओं का कोई समाधान है?
बिलकुल है!
पढ़ें यशायाह 53:6
हम  तो सब के सब भेड़ों के सामान भटक गए थे, हममे से प्रत्येक ने अपना-अपना मार्ग लिया, परन्तु यहोवा (परमेश्वर) ने हम सबके अधर्म का बोझा उसी पर लाद दिया |
क्या आप विश्वास करना चाहोगे कि यीशु स्वर्ग से धरा पर अदला-बदली के लिए आया?
कैसी अदला-बदली?
हमारे पापों को स्वयं उठा लिया और हमें पाप रहित बनाया,
हमारे विद्रोह या विद्रोह के फलस्वरूप आने वाले श्राप यीशु ने अपने ऊपर ले लिए
क्या फिर भी आप उसे नकार कर श्रापों को गले लगाए रहेंगे?
क्या अदला-बदली हुई ये जानना चाहेंगे ?
1. बीमारी के बदले चंगाई 
यशायाह 53:5 के अनुसार यीशु का शरीर छलनी हुआ ताकि हम चंगे हो जांयें

2. अधार्मिकता के बदले धार्मिकता
2 कुरंथियों 5:21  के अनुसार यीशु जो पाप रहित था हमारे लिए पाप बन गया, ताकि हम धर्मी कहलायें |
3. मृत्यु के बदले जीवन 
इब्रानियों 2:9 के अनुसार यीशु ने हमारे कारण मृत्यु को चखा ताकि हम अनंत जीवन पायें 
4. गरीबी के बदले अमीरी
2 कुरंथियों  8:9  के अनुसार यीशु ने हमारी गरीबी ले ली ताकि हम उसके बहुतायत में हिस्सा ले संकें 
5. इन्कार के बदले स्वीकार  
मत्ती  27:46 के अनुसार यीशु परमपिता के द्वारा अस्वीकारा गया ताकि हम स्वीकार कर लिए जांयें
हमारे छुटकारे की नींव यीशु के क्रूस के त्याग में छिपी है
जब वो हमारे पापों के लिए जो सजा रखी गयी थी उसे सह चुका है तो हम उसे क्यों सहें ?
क्या आप जानना चाहतें है कि यीशु आपसे क्या कह रहा है ?
पढ़ें युहन्ना 11: 44
जो मर गया था वह कफ़न से हाथ-पैर बंधा हुआ निकल आया, और उसका मुंह कपडे से लिपटा हुआ था | यीशु ने उनसे  कहा, "उसके बंधन खोल दो और उसे जाने दो"|

लाज़र ने यीशु की आवाज़ सुनी और वह ना जगाने वाली नींद से उठ कर चला आया
यदि आज तुम यीशु की आवाज़ सुन रहें हो और तमाम समस्याओं से बंधे पड़े हो, तो यीशु तुम्हें छुटकारा देने के लिए तुम्हारे सामने खड़ा है
वह मुझसे कह रहा है कि मैं तुम्हारे बंधन खोल दूं और तुम्हारे जीवन में आज़ादी आने दूं
इसलिए मैं यीशु के नाम पर दिमागी तनाव को, लम्बे समय से चली आई बीमारी को, बांझपन को, पारिवारिक समस्याओं को, आर्थिक तंगी को, अस्वाभाविक मौत की दुष्टात्मा को यीशु के नाम पर दुत्कारती हूँ, और जो भी इन वचनों पर विश्वास कर रहें है उन पर छुटकारे की आत्मा छोड़ती हूँ, और उनके जीवन की उलझनों के कफ़न को उनसे अलग करती हूँ|
अब तुम आज़ाद हो, परमेश्वर की शान्ति से भर जाओ
बोलो - मुझे परमेश्वर के पुत्र ने छुटकारा दे दिया है, इसलिए मैं अवश्य ही मुक्त हूँ
आमीन

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