What are you prophesying?
आप क्या भविष्यवाणी कर रहें हैं?
स्मरण रहें संताने परमेश्वर की ओर से विरासत और उपहार हैं | क्या आप अपनी विरासत को व्यर्थ जाने देंगे?
नहीं!
पढ़ें भजन संहिता 127:3
देखो, बच्चे परमेश्वर के दिए हुए दान हैं, गर्भ का फल उसकी ओर से प्रतिफल है |
बोलो - मेरी संताने परमेश्वर की ओर से इनाम हैं और अति अनुगृहित हैं
पढ़ें लुका 15:11-24
फिर यीशु ने कहा, "किसी मनुष्य के दो पुत्र थे; और उनमें से जो छोटा था, उसने पिता से कहा, "हे पिता संपत्ति का जो भाग मेरे हिस्से में आता है, मुझे दे दो "| उसने अपनी धन संपत्ति उसमे बाँट दी | बहुत दिन ना बीते कि छोटा सब कुछ एकत्रित कर के दूर देश को चल दिया उसने अपनी संपत्ति कुकर्म में उड़ा दी | जब वह सब कुछ उड़ा चुका तो उस देश में भयंकर आकाल पड़ा और वह दरिद्र हो गया | और वह जाकर उस देश के एक नागरिक के यहाँ काम पर लग गया | उसने उसे खेत पर सूअर चराने भेजा | उसे बड़ी उत्कंठा हुई कि वह उन फलियों से जो सूअर खा रहें थे अपना पेट भरे ; और उसे कोई कुछ नहीं देता था |परन्तु जब वह होश में आया तो उसने कहा , "मेरे पिता के यहाँ कितने ही मजदूरों को पेट भर कर भोजन मिलता है पर मैं यहाँ भूखों मर रहा हूँ |मैं उठकर अपने पिता के पास जाऊँगा और उससे कहूँगा, "हे पिता मैंने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है | मैं अब तेरा पुत्र कहलाने योग्य नहीं रहा, मुझे अपना एक मजदूर समझ कर रख ले" | वह उठ कर अपने पिता के पास चला आया |परन्तु जब वह अभी दूर ही था, उसके पिता ने उसे देखा और तरस खाया, अतः उसने दौड़ कर उसे गले लगाया और चूमा, पुत्र ने उससे कहा, "हे पिता मैंने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है मैं अब तेरा पुत्र कहलाने योग्य ना रहा "| परन्तु पिता ने अपने दासों से कहा, "अच्छे से अच्छा वस्त्र शीध्र लाओ और उसे पहनाओ और उसके हाथ में अंगूठी और पैर में जूतियाँ पहनाओं , और एक मोटा बछड़ा लाकर काटों कि हम खाएं और आनंद मनाएं क्योंकि मेरे वह पुत्र मर गया था अब जीवित हो गया है, वह खो गया था अब मिल गया है | और वे आनंद मनाने लगे |
इस दृष्टांत में पिता ने कभी भी अपने पुत्र को नहीं त्यागा, लेकिन हमेशा उसके लौटने की इच्छा की | इससे पता चलता है कि उसने अपने पुत्र के लौटने की प्रार्थना की | कई बार हम देखते हैं कि बच्चे अपने आचरण के द्वारा माता-पिता का दिल तोड़ देते हैं, फिर भी माता-पिता का दिल क्षमा से भरा होता है |
आज की दुनिया बुराइयों से भरी है उसका कारण अगर मैं कहूँ माता-पिता के द्वारा बोले गए शब्द है तो अतिश्योक्ति ना होगा | याद रखे - परिवार से सामाज है, और सामाज से देश|
आज जो भी है वो कल की बोआई का परिणाम है, ये हमारे द्वारा बोले गए आशीष वचन या कोसे वचन हैं |
बोले हुए वचन आत्मिक हैं और उनमें जीवन है | ये वही वचन हैं जो आत्मिक जगत में चले गए और उसके अनुसार अपना काम कर रहें हैं |
मेरे एक प्रश्न है, आप अपने बच्चों के जीवन में क्या भविष्यवाणी कर रहें हैं?
.....?
फिर हमें क्या कराना चाहिए ?
कुछ ख़ास बातें हैं जिन्हें हम हमेशा याद रखें-
1 . हमेशा अपनी संतानों के लिए प्रार्थना करें
2 . याद रखें जितना बड़ा बच्चा उतनी ज्यादा प्रार्थनाएं
3 . माता-पिता को पहल करनी पड़ेगी
4 . भले ही उन्होंने आपका दिल तोडा हो फिर भी उन्हें गले लगाने के लिए तैयार रहिये
5 . और याद रखिये, अगर आप अभिवावक हैं तो बच्चा पालना ( पैरेंटिंग ) सदैव के लिए है
आप क्या कर रहें हैं ???
आप अपने बच्चों के जीवन में क्या भविष्यवाणी कर रहें हैं?
हम जो भी स्वाभाविक तौर से देखतें है वो पहले आत्मिकता में हैं
जैसे कि किसान एक बीज को बोते वक्त उसकी फसल को देख लेता है
मेरा बेटा उन्नीस साल का है, लेकिन कभी-कभी हम उसके भविष्य के बारे में बातें करते हैं
उसकी पत्नी और संतानों के बारे में, जबकि अभी उसका विवाह नहीं हुआ है
क्योंकि बोले गए शब्द आत्मिक हैं और उसके अनुसार उसका प्रतिफल है
इस बात को मैं इस तरह से समझाने की कोशिश करूंगी, बोले गए शब्द बीज की तरह है और वे अवश्य ही फसल लायेंगे
पिछले साल नवम्बर में मेरे बेटे ने अपने आगे की पढ़ाई के लिए एक अमेरिका की यूनीवर्सिटी में अप्लाई किया | यह सब इतना आसान नहीं था | यूनिवर्सिटी की मांग थी कि वह अपनी हाई स्कूल की मार्क-शीट का मूल्यांकन कराये फिर भेजे तब वे उसकी अप्लिकेशन को या तो शामिल करेंगे या नहीं |
11th नवम्बर हो चुकी थी, 25 नवम्बर आखिरी तारीख थी , समय थोड़ा था और काम बड़ा |
तंज़ानिया से उसकी मार्क-शीट इंडिया भेजना, इंडिया से मोहर लगकर होकर वापस आना, WES मूल्यांकन कंपनी को भेजना फिर वहां से यूनिवर्सिटी को
इसका मतलब एक महीने का समय, उसकी अपलिकेशन अगर देर से पहुँची तो वह स्कोलरशिप की प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकता था, ऐसे में हमलोगों ने तुरंत परमेश्वर के आगे प्रार्थना की
इसका मतलब एक महीने का समय, उसकी अपलिकेशन अगर देर से पहुँची तो वह स्कोलरशिप की प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकता था, ऐसे में हमलोगों ने तुरंत परमेश्वर के आगे प्रार्थना की
परमेश्वर ने यहोशू से मुझे वचन दिया और हम तुरंत उस शब्द पर खड़े हो गए
चलिए पढ़ते है, यहोशू 10:12-14
उस दिन यहोवा ने एमोरियों को इस्राएलियों के वश में कर दिया | इसलिए यहोशू ने इस्राएलियों के सामने यहोवा से कहा, " हे सूर्य गीबोन पर और हे चन्द्रमा तू अय्यालोना की तराइयों पर ठहर जा"| और सूर्य उस समय तक थमा रहा और चन्द्रमा ठहरा रहा, जब तक की उस जाति ने शत्रुनों से बदला ना ले लिया | मैंने बोलना शुरू किया कि जब तक मेरे बेटे की अपलिकेशन नहीं पहुँच जाती आखिरी तारीख ना आयेगी
हमारे लिए सूर्य खड़ा रहेगा | हमारे बेटे की अप्लिकेशन वहां 4 दिसंबर को पहुँची और ना केवल उन्होंने उसकी अप्लिकेशन स्वीकार की बल्कि उसका नाम ऑनर्स कोर्स में शामिल कर लिया |
परमेश्वर की महीमा हो, ये बोले गए शब्दों की सामर्थ है | जिस तरह का शब्द बोला जायेगा वो उस तरह का काम करेगा |
पढ़ें यशायाह 55:11
उसी प्रकार से मेरे मुंह से निकलने वाला वचन, वह व्यर्थ ठहर कर मेरे पास ना लौटेगा, वरन मेरी इच्छा पूरी करेगा और जिस काम के लिए यीन भेजा है उसे पूरा करके ही लौटेगा |
तो हम लोग जीवन की चर्चा कर रहें है और शब्द जीवन है | ये किसी को खुश कर सकतें हैं तो किसी को दुखी |
पढ़ें नीतिवचन 18:21
जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होतें है, जो उससे प्रेम रखतें है वे उसका फल पायेंगे |
तुम्हारे पास क्या है ?
बोलो- जीवन और भरपूर जीवन
इस मौसम में ज़रूरी है कि मैं अपने दिल की बात बोलूं
बचपन में मैंने अपने पापा को होली जलाते, हरा चना भूनते, गुजिया चडाते और फिर उसे खाते देखा है|
उस "चिता" की राख को गालों पर मलते फिर होली की शुभकामनाएं देतें सुना है |
चिता से हमारा क्या लेना देना?
जैसे-जैसे मैं बड़ी हुई विचार करने लगी "होली की शुभकामनाएं" कैसे हो सकती है होलिका तो दुष्ट थी |
ये तो कुछ ऐसा सा है कि दशहरा पर लोग "रावन की शुभकामनाएं" दें?
लोग किसका प्रमोशन कर रहें है???????
अगर मुझे होलिका के चरित्र का वर्णन कराना हो तो मैं कहूंगी -
वह निर्दयी, ईर्ष्यालु, घमंडी, अधर्मी, और दुष्ट थी
जब हम प्रहलाद के बजाय होलिका का प्रमोशन करतें है तो सोचो हम क्या हर रहें हैं ???
यह अति गंभीर विषय है
मेरे पास एक प्रश्न है - क्या आप किसी को अपने गालों पर चिता की राख मलने देंगे ?
चिता की आग पर भुना खाना खाने देंगे?
होलिका मर चुकी है
लेकिन फिर भी हम परमेश्वर की भलाई के बजाय होली की शुभकामनायें सुनतें है?
हम लोग वाद-विवाद कर सकतें है, व्याख्याएँ दे सकतें है, लेकिन यह वह नहीं है जिसकी मुझे खोज है
मैं एक बात जानती हूँ यीशु पाप को मारने आया |
पढ़ें 1 युहन्ना 3:8
जो पाप करता है वह शैतान से है क्योंकि सैतान आरम्भ से ही पाप करता आया है, परमेश्वर का पुत्र इस अभिप्राय से प्रकट हुआ कि शैतान के कार्य का नाश करे |
हम अभी तक राख से खेल रहें है और दुष्टता के बीजों को पनपने दें रहें है, जबकि ज़रुरत है कि हम अच्छी और भलाई के बीज बोयें
कैसी राख है तुम्हारे पास आज के दिन?
तुम अपने प्रिय जनों के जीवन में क्या बोने की कोशिश कर रहें हो?
आप उनके जीवन में क्या बो रहें हैं?
क्या ये शब्द हतोत्साहित, असफल और असंतुष्ट करने वालें हैं ?
प्रिय मित्र अब यह समय है कि हम सत्य को समझें और दुष्ट को हमारे परिवार को तकलीफ ना देने दें|
अब यह समय है कि अपने बच्चों के जीवन में- साहस, सफलता, आज्ञाकारिता, विश्वसनीयता, प्यार, दया, अति फेवर से भरा(अनुगृहित), और समृद्धिशाली वचन बोलें |
सोचो, क्या होगा जब तुम अपने प्रिय-जनों पर सकारात्मक वचन बोलना शुरू कर दोगे ?
बोलो- उनके जीवन में यह कई गुना हो जांएगे
अब अपने स्थान पर खड़े हो
पढ़ें मत्ती 18:18
मैं तुम से कहता हूँ जो तुम पृथ्वी पर बाँधोगे वह स्वर्ग में बंधेगा, और जो कुछ तुम पृथ्वी पर खोलोगे वह स्वर्ग पर खुलेगा |
चलो, बांधातें है उस दुष्ट आत्मा को जो हमारे शब्दों के कारण खुली पड़ी है, और उसे वचनों की सामर्थ से नष्ट कर देतें हैं
अब अनुशाशन, साहस, सफलता, आज्ञाकारिता, विश्वसनीयता, प्यार, भलाई, फेवर और सम्पन्नता की आत्मा छोड़तें हैं
पढ़ें व्यवस्थाविवरण 30:19
आज मैं स्वर्ग तथा पृथ्वी को तुम्हारे विरुद्ध साक्षी ठहरता हूँ कि मैंने तुम्हारे सामने जीवन तथा मृत्यु और आशीष तथा श्राप रखा है अतः जीवन को चुन लें कि तू अपनी संतान सहित जीवित रहें
जब तुम परमपिता परमेश्वर के पास लौटे हो तो वह तुम्हारे पापों को क्षमा कर देता है |
वह तुम्हें और तुम्हारे परिवार को आशीषित कर देता है
मेरे साथ प्रार्थना करें -
पिता परमेश्वर हर दिन हम बहुत सारी बातों का चुनाव करते है, उनमें से कुछ भली होती है और कुछ बुरी | लेकिन आज के दिन मैं भली और अच्छी बातें बोलने का चुनाव करता हूँ,
मेरे सभी गलतियाँ और आज तक के सभी पाप क्षमा हों
मैं यीशु के लिए धन्यवाद देता हूँ कि वह मेरे पापों से मुझे मुक्ति दिलाने के लिए दुनियां में आया, मरा और फिर जी उठ ताकि मैं जी संकूं | मैं आज के दिन अपने और अपने परिवार के जीवन में जीवन और वो भी भरपूर की भविष्यवाणी करता हूँ |
धन्यवाद यीशु, मेरे जीवन में आओ और मेरा नाम स्वर्ग की पुस्तक में लिख लो
यीशु के नाम पर
आमीन
Remember children are heritage and gift from God. Will you let your heritage go a waste?
No!
Read Psalms 127:3 (NIV)
Sons are a heritage from the LORD, children a reward from him.
Say – My children are a reward from God, and they are highly favored
Read Luke 16:11-24 (NIV)
Jesus continued: "There was a man who had two sons. The younger one said to his father, 'Father, give me my share of the estate.' So he divided his property between them. "Not long after that, the younger son got together all he had, set off for a distant country and there squandered his wealth in wild living. After he had spent everything, there was a severe famine in that whole country, and he began to be in need. So he went and hired himself out to a citizen of that country, who sent him to his fields to feed pigs. He longed to fill his stomach with the pods that the pigs were eating, but no one gave him anything.
"When he came to his senses, he said, 'How many of my father's hired men have food to spare, and here I am starving to death! I will set out and go back to my father and say to him: Father, I have sinned against heaven and against you. I am no longer worthy to be called your son; make me like one of your hired men.' So he got up and went to his father.
"But while he was still a long way off, his father saw him and was filled with compassion for him; he ran to his son, threw his arms around him and kissed him.
"But while he was still a long way off, his father saw him and was filled with compassion for him; he ran to his son, threw his arms around him and kissed him.
"The son said to him, 'Father, I have sinned against heaven and against you. I am no longer worthy to be called your son.'
"But the father said to his servants, 'Quick! Bring the best robe and put it on him. Put a ring on his finger and sandals on his feet. Bring the fattened calf and kill it. Let's have a feast and celebrate. For this son of mine was dead and is alive again; he was lost and is found.' So they began to celebrate.
In this parable the father actually never gave up but always longed for his return. It shows, he must have prayed for his son’s return. Sometimes we see children breaking the hearts of their parents through their behavior but we can still find the parent’s heart full of forgiveness.
Today’s world is becoming evil and it is the result of our spoken words, which are spirits who have gone out and are performing as per our spoken words.
Then what should we do?
Remember few important points-
1. Prayer is the best thing you can do
2. Remember older the child grows more you need to pray
3. As a parent you need to take an initiative
4. Be ready to receive them even if they have disappointed you
5. Remember if you are a parent, then parenting is forever
What are you prophesying on your children’s life? 2. Remember older the child grows more you need to pray
3. As a parent you need to take an initiative
4. Be ready to receive them even if they have disappointed you
5. Remember if you are a parent, then parenting is forever
Whatever we see in the natural, it happens first in the spiritual.
My son is 19 but sometimes we talk about his wife and children
How come?, he is not yet married but we still plan and say something for his future
Spoken words are like seeds, it will definitely grow.
I can give you one example. It will help you to understand, the power of spoken words.
Last year in November my son applied to a university for his further education. The process was not easy. As per the university’s demand, he was required to send his high school transcript (from ICSE) for evaluation and then university could accept him or reject him. It was 11th November, and the last date was 25th November. We were supposed to send his documents from Tanzania to India and, then from India back to us, then to get it attached with the present school’s mark sheet, then to send to the evaluators (WES) in America, and then when we would receive the evaluation result from them, which is then sent to the university for acceptance. It means we needed at least a month for the process.
It was very important for him to send his application before the last date as he needed to appear for the whole person scholarship competition. Now delay means, you are out of the competition.
We were tensed, we began to pray. God gave me a word from Joshua.
Read Joshua 10:12-14 (NIV)
On the day the LORD gave the Amorites over to Israel, Joshua said to the LORD in the presence of Israel:
"O sun, stand still over Gibeon, O moon, over the Valley of Aijalon."
"O sun, stand still over Gibeon, O moon, over the Valley of Aijalon."
So the sun stood still, and the moon stopped, till the nation avenged itself on its enemies,
as it is written in the Book of Jashar.
The sun stopped in the middle of the sky and delayed going down about a full day. There has never been a day like it before or since, a day when the LORD listened to a man. Surely the LORD was fighting for Israel!
as it is written in the Book of Jashar.
The sun stopped in the middle of the sky and delayed going down about a full day. There has never been a day like it before or since, a day when the LORD listened to a man. Surely the LORD was fighting for Israel!
I began to speak, that the last date will not come until our son’s application reaches there.
For us the sun stands still. Our son’s application took 23 days. It reached their on the 4th of December and we heard from the university that they not only have accepted his application but also, because of his high grades his name is on the honors roll.
Glory to God this is the power of spoken words. When you speak, it goes forth and does the work as per its nature.
Glory to God this is the power of spoken words. When you speak, it goes forth and does the work as per its nature.
Read Isaiah 55:11 (NIV)
So is my word that goes out from my mouth: It will not return to me empty, but will accomplish what I desire and achieve the purpose for which I sent it.
So, we are talking about life and words are life. It can make someone happy or sad
Read Proverb 21:18 (NIV)
Read Proverb 21:18 (NIV)
The tongue has the power of life and death, and those who love it will eat its fruit.
What do you have?
What do you have?
Say –life and life more abundantly
In this season of festival I have something burning in my heart
In this season of festival I have something burning in my heart
1. As a child I had seen my father going to bon fires, roasting grains, offering sweets, and later eating them.
2. Rubbing the ashes on his face and saying Happy Holi.
As I grew I began to question myself, how can we call Happy Holi when she was evil.
To me it is same as someone saying Happy Raavan on Dashahra
I also wondered why we ate roasted grain from the fire.
To me Holika was burnt and that ash was actually the ash of the dead body of Holikaa.
Burning the fire and shouting Happy Holi
What did they actually promote????
As I grew I began to question myself, how can we call Happy Holi when she was evil.
To me it is same as someone saying Happy Raavan on Dashahra
I also wondered why we ate roasted grain from the fire.
To me Holika was burnt and that ash was actually the ash of the dead body of Holikaa.
Burning the fire and shouting Happy Holi
What did they actually promote????
When I think of these things it totally distorts the image of this festival
If I have to describe the character of Holika, I will say-
She was cruel, jealous, full of pride, full of evil power, ungodly, and an evil person
When we promote Holika, instead of Prahlaad, think what are we really promoting?
This is a very serious issue
I have a question, will you allow someone to rub the ashes from a dead body on you?
Will you eat the food which is roasted on the pyre of a dead person?
Holika is dead, but instead of listening about the goodness of God, we hear Happy Holi?
We can argue here and can come up with an explanation, but that is not what I am looking for I know one thing Jesus came to destroy the sin.
Read 1 John 3:8 (NIV) He who does what is sinful is of the devil, because the devil has been sinning from the beginning. The reason the Son of God appeared was to destroy the devil's work.
We are still playing with ashes and multiplying the seeds of evil around us, whereas we need to sow the seeds of goodness
What ashes do you have today,
What are you trying to apply to the life of your loved ones
What words are you speaking ?
Are these the words of discouragement, failure, or un-satisfaction?
Dear friends it is time for us to understand the truth and not to allow the evil one to trouble our family
It is time for you to speak upon your children -courageous, successful, obedient, faithful, loving and kind, highly favored and prosperous.
What will happen if you begin to speak positive words upon your loved ones
Say – it will multiply in their lives
Stand to your feet-
Read Matthew 18:18 (NIV) I tell you the truth, whatever you bind on earth will be bound in heaven, and whatever you loose on earth will be loosed in heaven.
Break the evil force of indiscipline, lust, stubbornness, rebelliousness and sexual sin
Let this spirit of holika which is loosed this day because of our own spoken words be destroyed by the power given to us
And loose the spirit of discipline, courage, success, obedience, faithfulness, loving and kindness, favor and prosperity.
Read Deuteronomy 30:19 (NIV) This day I call heaven and earth as witnesses against you that I have set before you life and death, blessings and curses. Now choose life, so that you and your children may live
If I have to describe the character of Holika, I will say-
She was cruel, jealous, full of pride, full of evil power, ungodly, and an evil person
When we promote Holika, instead of Prahlaad, think what are we really promoting?
This is a very serious issue
I have a question, will you allow someone to rub the ashes from a dead body on you?
Will you eat the food which is roasted on the pyre of a dead person?
Holika is dead, but instead of listening about the goodness of God, we hear Happy Holi?
We can argue here and can come up with an explanation, but that is not what I am looking for I know one thing Jesus came to destroy the sin.
Read 1 John 3:8 (NIV) He who does what is sinful is of the devil, because the devil has been sinning from the beginning. The reason the Son of God appeared was to destroy the devil's work.
We are still playing with ashes and multiplying the seeds of evil around us, whereas we need to sow the seeds of goodness
What ashes do you have today,
What are you trying to apply to the life of your loved ones
What words are you speaking ?
Are these the words of discouragement, failure, or un-satisfaction?
Dear friends it is time for us to understand the truth and not to allow the evil one to trouble our family
It is time for you to speak upon your children -courageous, successful, obedient, faithful, loving and kind, highly favored and prosperous.
What will happen if you begin to speak positive words upon your loved ones
Say – it will multiply in their lives
Stand to your feet-
Read Matthew 18:18 (NIV) I tell you the truth, whatever you bind on earth will be bound in heaven, and whatever you loose on earth will be loosed in heaven.
Break the evil force of indiscipline, lust, stubbornness, rebelliousness and sexual sin
Let this spirit of holika which is loosed this day because of our own spoken words be destroyed by the power given to us
And loose the spirit of discipline, courage, success, obedience, faithfulness, loving and kindness, favor and prosperity.
Read Deuteronomy 30:19 (NIV) This day I call heaven and earth as witnesses against you that I have set before you life and death, blessings and curses. Now choose life, so that you and your children may live
When you return to father God He is ready to forgive your sins and He will bless you and your family
Pray with me-
Father, I pray in Jesus name -every day we make many choices, some are good and some are bad. But this day I have decided to ask you to forgive my sin.
I have come back to you.
I believe in my heart this is the reason Jesus came and died and rose from the dead.
Right now he is sitting at the right hand of father in heaven.
I choose this day to be right before God, thank him for Jesus and welcome Jesus in my heart.
Jesus write my name in the book of life. I declare my sins are forgiven and grace of God is upon me. I choose this day life and life abundantly
Amen!
Pray with me-
Father, I pray in Jesus name -every day we make many choices, some are good and some are bad. But this day I have decided to ask you to forgive my sin.
I have come back to you.
I believe in my heart this is the reason Jesus came and died and rose from the dead.
Right now he is sitting at the right hand of father in heaven.
I choose this day to be right before God, thank him for Jesus and welcome Jesus in my heart.
Jesus write my name in the book of life. I declare my sins are forgiven and grace of God is upon me. I choose this day life and life abundantly
Amen!
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