पहला फल पवित्र है
येशु परमेश्वर का पहला फल है और परमेश्वर की निगाह में पवित्र है| उसी के जरिये सारी मानव जाति परमेश्वर के सन्मुख पवित्र ठहरी है
प्रथम फल के अध्धयन के जरिये हम जान पातें हैं कि प्रथम फल परमेश्वर की निगाह में पवित्र है
और जो भी परमेश्वर की निगाह में पवित्र है वो उसे स्वीकार कर लेता है
क्या तुम चाहते हो कि परमेश्वर तुम्हें स्वीकार करें?
हाँ
बोलो - मैं पवित्र हूँ
परमेश्वर को हर समय प्रथम स्थान पर रक्खो
अपनी पढाई में
अपनी दोस्ती में
अपने रिश्तों में
अपनी नौकरी में
अपने धन में
तुम जो भी करो उन सबमें
पढो मत्ती ६:३३
परमेश्वर का राज्य कहाँ है?
जहाँ परमेश्वर के नियमों को माननेवाले मिलतें है
परमेश्वर केनियमों को मानने वाले कहाँ मिल सकतें है?
बोलो - मुझमें
पढो लुका १७:२०-२१
और लुका ११:२०
बोलो - परमेश्वर का राज्य हमारे बीच में है
पढो लैव्यव्यवस्था २३:१४
परमेश्वर तुम्हें अवश्य ही आशीष देगा
अब लैव्यव्यवस्था २३:२० पढो
मैं भी परमेश्वर का दास होनें के नातें प्रथम फल को तुरंत परमेश्वर के सन्मुख हिलाउंगी
क्योंकि मैं हर एक को आशीषित देखना चाहती हूँ
अब मैं तुम्हे अपनी गवाही देना चाहती हूँ
सन २००८ में मैंने पहली बार प्रथम फल के बारे में जाना
उन दिनों इंडिया में मैं सेटलाईट डिश के जरिए TBN देखा करती थी
एक दिन मैंने पौला वाईट को प्रथम फल की शिक्षा देते हुए सुना
उन दिनों मेरी परिस्थिती कठिन थी और तुम्हारे पास्टर अफ्रीका में नौकरी ढूँढ रहे थे
मैं लखनऊ में अकेले सार्थक के साथ आर्थिक संघर्ष कटे हुए अपनी इस नयी जन्मी कलीसिया देख भाल कर रही थी
जब मैंने पौला वाईट को प्रथम फल की शिक्षा देते सुना मैंने निश्चय किया कि मैं अपने सदस्यों को अवश्य ही प्रथम फल के विषय पढ़ाऊंगी और अपने जीवन में भी इस सिद्धांत का पहली बार अभ्यास करूंगी
मैंने सभी को उन वचनों के बारे में बताया, और सबसे कहा कि परमेश्वर को अपनी इस नए साल की प्रथम भेंट दो ( चाहे पहले दिन की, पहले हफ्तें की या फिर पहले महीने की तनख्वा दो )
परमेश्वर ने अवश्य ही हम लोगों को अच्छी आत्मिक संतानों से आशीषित किया है
हमें उनके आत्मिक माता - पिता होने का गर्व है
उन सभी ने प्रथम फल के वचनों का पालन किया और साथ मेंमैने भी किया
मैंने परमेश्वर को अपने पूरे महीने की तनख्वाह भेंट दी जो ५०००/ रुपिया थी
यह फरवरी २००८ का पहला हफ्ता था
मार्च २००८ में मेरी पदौन्नति हुई और मुझे नर्सरी से क्लास ५ तक का इंचार्ज बना दिया गया
मेरी तनख्वाह ५०००/से ८०००/ कर दी गयी
सितम्बर तक हम लोगों के अफ्रिका जाने के द्वार भी खुल गए
नवम्बर में तंज़ानिया में मुझे ४०,०००/ महीने की नौकरी मिल गयी
ये तो मेरी गवाही है अच्छा हो जो सभी लोग अपनी गवाही परमेश्वर को दें
कितना अच्छा हमारा प्रभु है
२००९ में परमेश्वर ने मुझे एक सुंदर घर और कार से आशीषित किया
पढो रोमियो ११:१६
हमारा परमेश्वर कभी न बदलने वाला परमेश्वर है
उसके सिद्धांत कभी न बदलने वाले हैं
उसके सभी आदेश हमारे प्रावधान और बहुतायत के लिए है
परमेश्वर हमारे जीवन में सभी उत्तम वस्तुओं को देखना चाहता है
तो हम क्या करें?
हम अवश्य ही परमेश्वर के शब्दों के सत्य का अनुसरण करें
जब हर प्रथम भाग परमेश्वर की निगाह में पवित्र है तो रोमियो ११:१६ के अनुसार परमेश्वर की उपस्थिती और उसका प्रावधान हमारे शेष को भी सुरक्षित कर देगा
लैव्यव्यवस्था २३ के अनुसार इस्राइलों को आदेश दिया गया था कि वो हर फसल के मौसम की शुरुवात में परमेश्वर सामने विशेष भेंट लाएं
जनवरी का महीना हमारी फसल के मौसम की शुरुवात है ( नौकरी और तनख्वाह )
इस भेंट को प्रथम फल बोला गया क्योंकि ये हमारे आगें आने वाले या प्राप्त होने वाली तनख्वाह या आशीषों का पहला हिस्सा है यानी कि आने वाले ११ महीनों का भाग, इसका मतलब है परमेश्वर हमारी कमाई की देखभाल करेगा
बोलो - प्रभु येशु हम इस भाग को आपको देतें है क्योंकि हम अपनी पूरी फसल की पैदावार को जानते है कि वो आपके द्वारा हमें मिलती है
बोलो - हम अपना प्रथम फल आपको देतें है क्योंकि ये आपका ही है
बोलो - ये अति सुंदर पवित्र शास्त्र का सिद्धांत है जो हमारे जीवन में परमेश्वर की संतान होने के नाते लागू होता है
बोलो - जब हम परमेश्वर को भेंट देतें है हम कहतें है कि हमारा सब कुछ परमेश्वर का है और हम विश्वास करतें है कि परमेश्वर हमारी हर ज़रुरत को पूरी करेगा
First Fruit Is Holy
Jesus is the first fruit of God and is holy unto God.
And the human race was made holy before God through Him only
Through the study of the first fruit, we have understood that the first fruit is holy unto the Lord
And whatever is holy God will accept it.
Do you want God to accept you?
Yes!
Say- I am holy
Put God first in everything
In your studies
In your friendship
In your relationship
In your job
In your finances
In everything whatever you do
Read Matthew 6:33
Where is kingdom of God?
Where we find the rules and regulation of God being followed
Where can we find the rules and regulation of God being followed?
Say – In me!
Luke 17:20-21Luke 11:20
Say- Kingdom of God is among us
Read Leviticus 23: 14
God will truly bless you
Now Read Leviticus 23:20
I will not delay in waving your first fruit before God
Because I want to see every one of you blessed
Now I want to share with you my testimony
In 2008, very first time I learned about the first fruit offering
Those days, in India I used to get TBN through satellite dish
One day I heard Paula white teaching about the first fruit
Those days I had very tough time, your pastor Arun, was looking for a job in Africa
I was alone in Lucknow with Sarthak, taking care of our newly born ministry and struggling financially
When I heard about first fruit I decided to teach our members the first fruit and at the same time practice this principle first time in my life as well
I told everyone those scriptures and I asked them to offer their very first ( first day’s, first week’s or first month’s salary as per their faith level) of this new year to the Lord
We are truly blessed with the wonderful children of God and we are proud of being their spiritual parents. They all followed the first fruit scripture and I also did
I brought unto the Lord my whole month’s salary, which was Rs.5000/
This was the first week of February 2008
March, 2008, I get promotion and became the in charge for primary ( Nursery to Class 5) section
My salary was raised from Rs.5000/ to Rs.8000/
By September our doors to go to Africa were opened
And November I get a job in a school in Tanzania with Rs.40,000/ per month
This is my testimony, the other members also can share their testimony
Isn’t our God a good God?
In year 2009, I again give my first fruit and God blesses me with a beautiful car and a nice house
Read Rom 11:16
Our God’s never-changing,
His principles are never changing
All his commandments are for our abundance, for our provision
God wants all best possession to happen in our lives
So what we must do?
We must follow the truth of the Word of God
When the “first” of anything is holy to God
Then as per Rom 11:16 His presence and provision covers the rest of it.
As per Leviticus 23 the children of Israel were instructed to bring a special offering to the Lord at the start of each harvest season.
January month is our starting season of our harvest ( job and salary )
The offering was called “first fruits” because it represented the first portion of much more to come. ( first portion of another 11 months, it means God will take care of all our earnings)
Say -Lord, we offer this first portion to you because we know the entire harvest (salary etc.) comes from your hand. ( one day’s salary and tithe, one week’s salary and tithe or one month’s salary, give as per your faith level but with cheerful heart no complains)
Say - We give you the first fruits because it all belongs to you.”
Say -This is a wonderful biblical principle that applies to our giving as children of God.
Say - When we offer our gifts to the Lord, we are saying that all we have belongs to him,
And we believe the Lord will provide for all our needs.
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