परिचय: गलातियों 5:22 हमें बताता है कि आत्मा का एक और फल धैर्य है. अगर मेरे काम करने का लक्ष्य आराम और समय बर्बाद करना हो अन्यथा मुझे बहुत से काम करने हैं और मुझे अपना समय बर्बाद करना पसंद नहीं है. और आप क्या करते हैं? क्या तुम अपने समय की व्यर्थ बर्बादी को परमेश्वर की ओर से एक उपहार के रूप में देखते हो ? क्या होता यदि मैं तुमसे कहता कि " धीरज " धैर्य शब्द के अनुवाद का एक दूसरा तरीका है है. क्या तुम अपने आप को दुखी बनाना चाहते हो? जब मैं धैर्य के बारे मैं बाइबल पर अधिक शोध कर रहा था, तब मैंने धीरज या सहनशीलता पर लेख पाए . नई बाइबिल शब्दकोश धैर्य को विपक्ष या उत्पीड़न के दौरान में संयम रखना बताती है | जो कि दुख और सहनशक्ति के बीच में एक क्रॉस जैसा लगता है, न कि समय की बर्बादी चलो, अपने बाइबिल के हमारे अध्ययन में डूबें और जाने कि परमेश्वर के दिमाग में धैर्य के उपहार के बारे में क्या है
- परमेश्वर और धीरज
- पढ़ो निर्गमन 34:5-7.क्या "क्रोध की धीमी गति" धैर्य का एक रूप 'है? इंटर लीनियर बाइबिल से पता चलता है कि हिब्रू शब्द का मतलब है "धीरज इस तरह, जो परमेश्वर अपने बारे में कहता है वह बहुत कुछ गलातियों 5:22 में आत्मा के फल के रूप में वर्णित है|
- निर्गमन 34:6.में एक बहुत ही विशेष बात कही गयी है| ध्यान दें, कि जब परमेश्वर खुद का वर्णन 'क्रोध में धीमा है', तीसरे स्थान पर प्रयोग करता है और वह उसे प्रेम से पहले रखता है| तो क्या'क्रोध में धीमा ' प्रेम से अधिक महत्वपूर्ण है?
जैसा कि आप इस संदर्भ में समझते हैं कि परमेश्वर किस तरह क्रोध में
धीमा है ? किस तरह से वह धैर्यवान है? (ये सभी विवरण हमारे पाप की
समस्या के बारे में मनुष्यों से निपटने के संदर्भ में लग रहे हैं | इस प्रकार,
क्रोध में धीमा है का अर्थ है, हमारे पापों के बारे में देर से क्रोधित होना)
- तुम उस में एक लाभ के रूप में क्या देखते हो? (यदि हम मेरे पापों के बारे में बात कर रहे हैं ( तुम्हरे विरुद्ध में ),तो मैं परमेश्वर की सराहना करता हूँ की वह मुझे मौके पर अनुशाषित नहीं कर रहा है (या मुझे नष्ट कर रहा है ) ऐसे में मुझे कुछ समय के लिए मौका दे रहा है जो बहुत ही सराहिन्य है|)
- सच कहूँ, परमेश्वर तुम्हारे पापों के बारे में ध्यान न दे, इसके बारे में मुझे कोई खास चिंता न थी| अगर परमेश्वर तुम्हारे पापों के प्रति धैर्यवान है,तो क्या मेरे लिए भी तुम्हारे पापों के प्रति धैर्य दिखाना आवश्यक है?
क्या मैं सहनशीलता को एक गुण समझूं (लंबे समय तक पीड़ित!) तुम्हारे
पापों के कारण जो मेरे प्रति किये गए ?
- हम सभी इस बात को समझते हैं कि क्यों हम चाहते हैं कि जब हम पाप करें परमेश्वर हमारे साथ कुछ धैर्य दिखाये| लेकिन, वह ऐसा क्यों करे? प्रतीक्षा के द्वारा क्या हल निकल रहा है? (यदि हम निर्गमन के पाठ को देखें,तो पाप के फल स्वरुप सजा है. इसलिए, यह लगता है कि परमेश्वर को उम्मीद है कि हम अपने पापों से मन फिरायेंगे और सजा से बच जायेंगे|)
- पढ़ें योएल 2:13 और 2 पतरस 3:8-9. क्यों योएल है और पतरस सुझाव देतें है कि हमें अपने पापों से मन फिराव कर लेना चाहिए? (इसका मतलब ये नहीं है कि परमेश्वर "हमारा सर काटने का" इंतज़ार कर रहा है| वह अपने हाथों को उल्लास के साथ इसलिए नहीं मल रहा है और इंतजार कर रहा है कि हम नष्ट हो जाएँ|लेकिन इसके बिल्कुल विपरीत, परमेश्वर हमें समय देता है कि हम अपने पापों पर पाश्चाताप करें और सजा से बचे| परमेश्वर इस आशा से अपना समय ले रहा है कि तुम उसके पास लौट आओ|)
1. तुम और धीरज
- परमेश्वर हमारे प्रति धैर्यवान है, अति उत्तम ! तो,हमारे पास दूसरों के साथ धैर्यवान बन ने का क्या कारण है? पढ़े मत्ती 32-33|अगर तुम्हें यह कहानी नहीं पता है ,तो पढ़ें मत्ती 18:23-35| एक बहुत ही बुनियादी स्तर पर, अगर परमेश्वर हमारे प्रति धैर्य प्रदर्शित करता है ताकि हम अपने पापों से फिर सकें तो हमारा भी एक दायित्व है कि हम उसी तरह दूसरों को मौका दें| )
- एक मिनट के लिए इस बारे में सोचो| परमेश्वर ने तुम्हारे किस तरहे के पापों को माफ कर दिया है? जो लोग तुम्हारे धैर्य की परीक्षा लेते है उनके पापों के साथ अपने पापों की तुलना करो?
- क्या अपने बच्चों के साथ निपटने के लिए माता पिता के लिए भी यही बात लागू होती है? बच्चों के साथ अपने माता पिता से निपटने के लिए?
- पढ़ें रोमीओ 15:5. यह पाठ हमें अपने संगी मसीही भाइयों के प्रति धैर्य बनाए रखने (सहनशीलता प्रदर्शन) के लिए हमें क्या कारण देता है ? सहनशीलता से एकता को बढ़ावा मिलता है|)
- क्या तुम ऐसे किसी से मिले हो जो दूसरों के पापों पर आक्षेप लगाने पर उतारू हो ?
- तुम्हे कैसा लगता है जब चर्च के सदस्य तुम्हारे पापों की ओर उंगली उठातें हैं ? ( न्याय के लिए बुलाया गया है, लेकिन उसकी स्पष्ट दिशा यह है कि हमारा परमेश्वर हमारे प्रति धैर्य (धीरज)दिखता है और हमें अपने चर्च के सदस्यों के प्रति वैसा ही धैर्य दिखाने की जरूरत है. धैर्य के साथ किये गए व्यवहार से चर्च में एकता को बढ़ावा मिलता है.)
- पढ़ें इफिसियों 4:1-3. हमने जिस विषय को अभी सीखा है पौलुस उसी बात की पुष्टि करता है, कि सहनशीलता और 'प्रेम में एक दूसरे के साथ सब्र कर के, ही कलीसिया में हमारे एकता के उद्देश्य को बढ़ावा मिलता है| फिर भी , पॉल एक नया विचार जोड़ता हैं. वह विनम्र और भद्र होने के बारे में लिखता है| दीनता और नम्रता का धैर्य के साथ क्या काम है?
- कितने मसीही कलीसिया के एक अन्य सदस्य को गर्व और नम्रता की कमी होने के कारण 'सही' करते है?
- इसके बारे में सोचो, पिछली बार जब तुमने एक सदस्य को (एक पास्टर या कलीसिया के विधिवत निर्वाचित अधिकारी के विरोध में )किसी अन्य सदस्य को डांटते हुए सुना है? यह एक विवादास्पद मुद्दा है जिस में "डाटने वाला"(गर्व के कारण ) अपने सही होने का दावेदार था?
- पढ़ें रोमियो 14:1-4. कलीसिया के अन्य सदस्यों की निंदा का क्या अवसर हमें यहाँ मिलता हैं? (पहले, शाकाहारी (जो मूर्तियों को चढ़ाये गए मांस खाने से बचना चाहता था) उनकी निंदा न करे जो लोग यह मुद्दा उस तरह देख नहीं पातें हैं| दूसरा, जो शाकाहारियों को मूर्ख समझतें है) , उनकी निंदा नहीं करना चाहिए.)
- क्या?! कोई मानक नहीं? मानक को कायम रखने के बारे में क्या? (विषय पर ध्यान दो "विवादास्पद मामला" है हालाँकि, सुनिश्चित करें कि आपके गर्व के कारण एक विवादास्पद मामला एक मानक में परिवर्तित न हो गया हो)
- पौलस इस तरह कि स्तिथ्ती और विवादों से किस तरीके से निपटे के बारे में क्या कहता है? (पढ़े रोमियो १४:२२-२३. हमें यह सब बातें अपने तक सिमित रखनी चाहिए| हमें धैर्य दिखाना चाहिए, न कि उनकी निंदा करें, जो हमारी तरहे से विश्वास में नहीं है| साथ ही, यदि अगर हम यह विशवास करते हैं कि कुछ पाप है, तो हमें अंतःकरण के पालन की जरूरत है)
- चरित्र और धीरज
- पढ़ें याकूब 1:2-4. "नई अंतर्राष्ट्रीय संस्करण" में तीसरी पंक्ति के अंतिम शब्द का अनुवाद सब्र है, अन्य अनुवाद हैं "धैर्य ","दृढ़ता" या धीरज|" यह धैर्य का एक और पहलू है.अगर तुम इस संदर्भ में देखो ,कि किस तरह के धैर्य का वर्णन है? (ऐसी क्षमता जो, जब हम परीक्षणों के मध्य से गुज़र रहे हैं विश्वास में अग्रसर करे)
- याकूब हमें बताता है कि यह हमारा विश्वास "परिपक्व और पूरा करता है." यह कैसे धैर्य देने वाला है? (जब हम पसंद न आने वाली स्तिथिति से गुजरते हैं और अगर हम परमेश्वर पर भरोसा रखते है, और वह हमें इससे गुजरते देखता है,तो वोह हमें जब प्रलोभन या परीक्षण आता है, तब यह आत्मविश्वास देता है| हम अपने अतीत में झाँकतें है और देखतें है कि परमेश्वर ने क्या किया, यह हमें विश्वास देता है कि वह वहाँ फिर से मदद करने के लिए होगा. इस तरह का विश्वास हमें एक परिपक्व रवैया देता है.)
- चलो,देखें कि हम कैसे इन आध्यात्मिक शिक्षाओं को अपने वास्तविक जीवन में लागू करें . जब तुम गाड़ी चला रहे हो क्या तुम धैर्यवान हो? क्या तुम्हे ऐसा होना चाहिए? या फिर ये दूसरे ड्राइवर बस तुम्हारा समय बर्बाद कर रहे है और कोई आध्यात्मिक मुद्दे शामिल नहीं हैं ?
- क्या कारण हैं कि अन्य ड्राइवर तुम्हें रोकें हुए हैं? (एक ड्राइवर जो सिर्फ जाने वाले रास्ते में खड़ा है,चल नहीं रहा है, लेकिन मुझे रोके हुए है, या तो स्वार्थी है,अविवेकी या सड़क के नियमों से अनभिज्ञ है. यह बहुत कुछ पाप की तरह लग रहा है| मुझे यकीन है कि यह पाप ही होगा!)
- हम कैसे तय करें कि अन्य पापियों की ओर किस तरह का व्यव्हार होना चाहिए (जब परमेश्वर हमारे पापों से निपटने में हमारे साथ धैर्यवान है तो हमें भी दूसरों के साथ धैर्यवान होना चाहिए.)
- तुम्हारे कार्य के बारे में क्या? क्या तुम पदौन्नति के लिए अधीर हो? क्या आपको ऐसा लगता है कि आपको और अधिक जिम्मेदारी, अधिक पैसे और अधिक अधिकार दिए जाने चाहिए थे?
- याकूब 1:3-4 फिर से देखो, क्या यह पाठ पदौन्नति के बारे में कोई मददगार सलाह प्रदान करता है| (यह पता चलता है कि शायद अभी हम पदौन्नति के लिए तैयार नहीं हैं, और यह कि धैर्य हमारे वर्तमान स्थिति में हमारे कौशल में सुधार कारेगा और हमारी परिपक्व और पूर्ण होने में मदद करेगा )
- लाइन में इंतजार करते हुए धैर्य के बारे में क्या? क्या लाइन में इंतजार समय की पूर्ण बर्बादी है?(यहाँ एक राज की बात जानो ताकि तुम फिर कभी लाइन में इंतजार करते हुए समय बर्बाद न करो| समय को प्रार्थना में इस्तेमाल करो और अपने जीवन के लिए परमेश्वर की इच्छा पर विचार करो . मुझे शक है कि ज्यादातर लोग उचित समय प्रार्थना में नहीं खर्च करते हैं. तुम इस बर्बादी और निराशा के समय का सही उपयोग कर सकते हो और उसे परमेश्वर के लिए फल देने वाला बना सकते हो| )
- यीशु के लौटने और हमें स्वर्ग में ले जाने के इंतजार के धैर्य के बारे में क्या? (पढ़ें मत्ती 24:45-46 यीशु ने कहा कि उसके लौटने का इंतजार करने के दौरान जो भी कार्य उसने दिए हैं उन्हें हम पूरा करें| अगर हम काम पर ध्यान केन्द्रित करें बजाय प्रतीक्षा पर, तो ऐसा नहीं लगेगा कि हम इंतज़ार कर रहे हैं)
- दोस्त, क्या तुम अधीर महसूस करते हो ? क्यों नहीं, यह करने का संकल्प लो : अपने इंतज़ार के समय को फलदाई काम से भर दो | उदार बनो जब दूसरे धीमे हैं क्योंकि परमेश्वर आपके धीमे होने के समय में उदार था क्योंकि उसे अपनी इक्षा पूरी करनी थी | क्या तुम आज फैसला करोगे कि पवित्र आत्मा की मदद से तुम और धैर्यवान बन सको ?
- अगले सप्ताह: आत्मा का फल दया है.
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