Saturday, May 1, 2010

You are an overcomer/तुम विजेता हो

तुम विजेता हो                                                           जोएस मायेर का यह कहना मुझे बहुत पसंद है कि हमारे जीवन में रोज़ नए अवसर और चुनौतियाँ आती है | इससे कोई भी बचा नहीं है
जिन्दगी पल-पल में बितती है | हम अपने जीवन में जिस भी हाल से गुजर रहें हो, हमारा परमेश्वर उन स्थितियों को संभालने में कहीं अधिक सक्षम है | अच्छा हो कि हम परमेश्वर पर भरोसा रखने का निर्णय ले, और एक पल एक समय में जियें|
बाइबल में दाउद की कहानी हमें सिखाती है कि अपने लक्ष पर केन्द्रित रहो |परमेश्वर ने तुम्हें जिस काम के लिए बुलाया है उस पर अपना ध्यान लगाये रखो | दुष्ट को अपना भाग्य चुराने मत दो |
बोलो - परमेश्वर के द्वारा निर्धारित भाग्य की ओर में आगे बढूँगा|
पढ़ें 1 शमुएल 17:22-31,45-49                                                                                                28सवें पद में लिखा है कि जैसे ही दाउद ने बलशाली गोलियत के बारे में पूछा उसका भाई एलिआब भड़क पड़ा |
क्या दाउद ने उससे जवाब तलब किया?
नहीं, लोगों से वाद-विवाद करने से समस्या का हल नहीं मिलता है, बल्कि कलह और झगड़े से हमारा ध्यान भटक सकता है|
दाउद जानता था कि उसका असली युद्ध गोलियत से है और वह अपने ध्यान को बटने नहीं देना 
चाहता था |
हम अपने जीवन में बहुत बार कुंठित हो जाते हैं, जिससे दुष्ट को हमारे जीवन में प्रवेश करने का मौका मिल जाता है |
क्या हम शैतान को पैर रखने की जगह देंगें?
या फिर हम शत्रु की ओर पीठ कर लेगे और परमेश्वर ने जिस काम के लिए बुलाया है उस पर केन्द्रित रहेंगे?
यदि हम परमेश्वर की ओर टकटकी लगाये रहेंगे तो विजय हमारी होगी |
लेकिन ज्यादा तर हम विवाद के झमेले में पड़ जातें हैं | किसी ने तुमसे कुछ कहा और तुम्हें  लगा कि यह बात तुम्हारे विरोध में है तो इससे तुम तनाव, विवाद और विभाजन के फंदे में गिर सकते हो|
पढ़ें नीतिवचन  17:14                                                                                                                                     झगड़े का आरम्भ मानो पानी के फूट निकलने के सामान हैं, अतः झगडा होने से पहले उसे त्याग दो|
यह शत्रु का बहुत भारी फंदा है ताकि लोग विजयी जीवन ना जी सकें |
लेकिन तुम इससे पहले कि यह विवाद का मुद्दा बन जाए उसे छोड़ दो |
तुम्हे अपने को सही साबित करने की कोई जरुरत नहीं है |
हो सकता है कि वे लोग गलत हो पर फिर भी तुम्हें अपने इर्द-गिर्द के लोगों को सही करने का हक़ नहीं दिया गया है 
तुम्हे ज़रूरत है कि तुम लोगों के साथ अपने सम्बन्ध ठीक बनाए रखोक्योंकि अगर एक बार रिश्तों में दरार  जाए तो ना पटने वाला गड्ढा बन सकता है| इसलिए -
शान्ति का मार्ग खोजा
दूसरों के लिए आशीष बन सको ऐसा मार्ग अपनाओ
ऐसे खट-पट के मौको पर शांत खड़े रहो और परमेश्वर की अनुकम्पा का अनुभव करो 
पढ़ें भजन संहिता 37:23                                                                                                               मनुष्य के कदम यहोवा दृढ करता है....
जब हम कठिन दौर से गुजर रहें होते हैं, हमसे कुछ गलत निर्णय भी हो जाते हैं, लेकिन अगर तुम परमेश्वर की मर्जी में रहना चाहते हो तो 
भला हो कि तुम परमेश्वर पर भरोसा रखो और उसकी शांति को उस स्थिति में काम करने दो |
तुम्हारे जीवन में ऐसी परस्थिति सकती है कि तुम दूसरे व्यक्ति के द्वारा गलत व्यवहार का अनुभव करो, इससे तुम्हें तकलीफ महसूस हो सकती है, लेकन स्मरण रहें परमेश्वर बिना दैवीय कारण के किसी भी चुनौती को तुम्हारे जीवन में ना आने देगा |
परमेश्वर उन कठिन परिस्थितियों को हमे बढ़ाने में, परिपक्व होने में तथा आगे बढ़ाने में प्रयोग करता है 
एक बार फिर पढ़ें भजन संहिता 37:23
कौन तुम्हारे कदमों को दृढ करता है?
बोलो- परमेश्वर मेरे कदमों को दृढ करता है 
इसलिए तुम ऐसी स्थिति में क्या करोगे?
परमेश्वर पर भरोसा रखो, सीधा रुख अपनाओ, क्योंकि तुम्हारे कदमों को दृढ करने वाला, तुम्हें आगे ले जाने वाला, परमेश्वर है और उसके पास तुम्हारे लिए अति उत्तम योजना है |
क्या तुम चाहते हो कि परमेश्वर की अति उत्तम इच्छा तुम्हारे जीवन में हो?
हाँ!
बोलो - कलह, विवाद को नाबड़-बड़ाने को ना, झगड़े को नाबहस को ना 
पढ़ें फिलिप्पियों 1:6                                                                                                                            मुझे इस बात का निश्चय है कि जिसने तुममें भला कार्य आरम्भ किया हैवही उसे मसीह यीशु के दिन तक पूर्ण भी करेगा |
परमेश्वर को तुम्हारा नेतृत्व करने दो, अगर तुम असुविधाजनक स्थिति में हो तो जान लो, इस क्षेत्र में तुम्हें बढ़ने की जरूरत है
इसलिए
लोगों की शिकायत मत करो
लोगों के प्रति कटु मत बनो
लोगों का समर्थन पाने की कोशिश मत करो 
लोगों की सहानुभूति पाने की कोशिश मत करो
बोलो - धन्यवाद प्रभु यीशु कि आप मुझे तोड़ रहें हैं 
बोलो - धन्यवाद प्रभु यीशु कि आप मुझे बना रहें हैं 
पढ़ें यिर्मयाह 18:3-6                                                                                                                           तब में कुम्हार के घर गया वह चाक पर कुछ बना रहा थापरन्तु मिटटी का जो बर्तन वह बना रहा था, उसके हाथों में ही बिगड़ गया अतः जैसा उसे भाया उसने उससे दूसरा बर्तन बना डालातब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, "हे इस्राएल के घराने क्या मैं भी इस कुम्हार की तरह तुम्हारे साथ व्यवहार नहीं कर सकता?
परमेश्वर हमारा कुम्हार है, वह हमे हर दिन अच्छा बनाना चाहता है | जब कभी हम जीवन में चुनौती का सामना करते है वास्तव में वह हमारे रवैये को 
नया आकार देने की क्रिया है
अपनी स्थितियों, परिस्थितियों और निराशा को बोलो कि मैं सही लोगों के साथ, सही जगह और सही समय पर हूँ!
अपनी पैस्थितियों से भागो नहीं बल्कि परमेश्वर की ओर भागो और उसे तुम्हारे जीवन में काम करने दो 
परमेश्वर तुम्हें जहाँ भी जाओगे वहां पर शांति, प्रेम और आशीष देगा
परमेश्वर तुम्हे ज्ञान देगा ताकि तुम हर स्थिति में विजयी हो 
प्रार्थना - पिता प्रभु यीशु के नाम पर! मैं आपसे माफ़ी मांगता हूँ कि बहुत बार अपनी परिस्थितियों से घबराकर मैंने गलत कदम लिया है जिससे मुझे हानि ही पहुँची है, मैं चाहूँगा कि आप मेरे जीवन को नया आकार दे जो आपको भला लगता है, क्योंकि आप मेरे कुम्हार है, और अपने राज्य के लिए प्रयोग करें|
अमीन
You are an overcomer
I like the way Joyce Meyer says that every day brings opportunity and challenge into our lives. No one is exempt. Life happens one day at a time. God is more than able to handle anything you may ever have to face in life. Make a decision today to live by faith, one day at a time!
What do you think?
In the  Bible, we read the story of David that tells us to be focused. Keep your focus on what God has called you to do. Do not allow the devil to rob your destiny.
Say- I will move forward in the destiny God has in store for me
Read 1 Samuel 17:22-31,45-49                                                                          In verse 28, as soon as David opened his mouth and inquired about giant Goliath, his brother Iliab became very angry with him.
Did David argue with him?
No! Arguing with people doesn't help, it leads us to strife and we may become defocused.
If we are defocused we are unable to do God’s will and this is what enemy is looking for.
David knew his real battle was with Goliath, and he didn't want to be defocused.
In our lives we face frustrations every now and then, this allows Devil to have excess in our lives.
Are we going to give a foothold to the devil?
Or are we going to turn away from enemy and keep our focus on what God has called us to do?
Focus on what God has called you to do will bring the victory.
But most of the time we fall into the trap of strife. Someone says something to you and you feel it is against you and it can cause you tension, dispute, and division.
Read Proverb 17:14                                                                                                         Starting a quarrel is like breaching a dam; so drop the matter before a dispute breaks out"
It's the enemy's greatest trap to keep people from living in victory. But you can simply drop the matter and avoid the situation.
You don't have to argue with them and try to prove that you're right.Even if they are wrong you aren't in charge to correct everybody around you.
You need to find a way to maintain your relationship with people, because once broken it becomes a crater. So-
Look for peace.
Look for ways to be a blessing to others.
Stay calm in the time of dispute and experience the blessing God has for you
Read Psalm 37:23                                                                                                                     The steps of a good man are ordered by the Lord…"
Sometimes, when we face difficult situations, we make wrong choices. But if you want to follow God’s will in your life, then learn to stay in faith and allow God’s peace to rule over any situation.
There may be a situation that you feel that other person is treating you wrong, you may feel uncomfortable but remember God will not allow a challenge to come into your life without a divine purpose for it.
God uses those difficult situations to grow us and take us to another level.
Read again Psalm 37:23
Who orders your steps?
Say - God orders my steps.
So what will you do in  such a situation?
Stay in faith, have a positive attitude because God is leading you and has a plan for you.
Do you want God’s will in your life?
Yes!
Say - No to Strife, no to murmuring, no to quarreling, no to disagreement
Read Philippians 1:6                                                                                                                   He who began a good work in you will carry it on to completion until the day of Christ Jesus"
Allow God to lead you in every situation. When you face uncomfortable situation, that means, you need to grow in that area.
So don’t complain,
Don’t get bitter,
Don’t try to convince people in your favor,
Don’t behave pity
Say thank you Jesus you are breaking me
Say thank you Jesus you are making me
Read Jeremiah 18:3-6                                                                                                               So I went down to the potter’s house and I saw him working at the wheel. But the pot he was shaping from the clay was marred in his hand so the potter formed it into another pot, shaping it as seemed best to him.Then the word of the Lord came to me, O house 0f Israel, can I not do with you as this potter does?
God is our potter and He wants to make us better each day. Whenever we face challenges in our lives that is actually shaping of our attitude.
Say to your Situations, circumstances and discouragements, I am with right people, at the right place, and right time
Don’t run from the situation but run to God and allow Him to work in you.
God will grant you peace, love and blessing everywhere you go.
God will give you wisdom and victory in your situation.
Trust in Him to order your foot steps, He will give you strength and understanding to do right.
Prayer -
Father in the name of Jesus! I ask you to forgive me for taking wrong steps many times in my life that has caused me trouble. Now I would like you to re-shape me the way you want me to be. You are my potter so make me and use me for your kingdom.
Amen

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