Saturday, September 18, 2010

परमेश्वर अपने नियुक्त समयों को फिर से बहाल कर रहा है!/ God is restoring His appointed times!

पिछले हफ्ते स्कूल में मैंने एक बड़ी गंभीर समस्या का सामना किया
फार्म 4 के इम्तिहान सिर पर हैं और बोर्ड ने हमे एक लेटर भेजा कि 
हमारा एक छात्र परीक्षा में नहीं बैठ सकता है, इसका कारण बिलकुल 
साधारण था, छात्र ने क्वालिफाइंग टेस्ट पास नहीं किया था|
इस बात ने  मुझे पूरी तरह झझकोर दिया | मैंने अपने प्रशाशन में इस 
तरह की गलती की उम्मीद कभी भी ना की थी| सबसे पहली बात जो 
मेरे दिमाग में आई वह थी पहले वाले हेड टीचर पर दोष धोपने की| वह कैसे किसी ऐसे छात्र को दाखिला दे बैठा जिसने  क्वालिफाइंग टेस्ट पास नहीं किया था| लेकिन तुरंत ही मैंने महसूस किया कि दूसरों का दोष खोजने से मुझे इस समस्या का हल नहीं मिलने वाला है | उस वक्त मुझे समस्या के समाधान की ज़रुरत थी |
बोलो-
समस्या के समाधान की ज़रुरत
तुम मुझसे पूछोगे कि क्या मुझे समस्या का समाधान मिला?
हाँ मिला!
बोलो- सफलता अच्छी भूमि पर निर्भर करती है
बोलो- मैं अच्छी भूमि हूँ
पढ़ें 1 इतिहास 12:32, “और इसराइलियों में से ऐसे लोग आये जो समय को पहचानते थे, और यह भी जानते थे कि इस्राइल को क्या कराना चाहिए| उनके प्रधान दो सौ थे और उनके सब भाई उनके अधीन थे"
इस परिस्थिति को अगर हम ध्यान से देखे तो पता चलता है कि
जन-जातियां ज़बरदस्त बदलाव और संधर्ष के बीच में थीं
सरकार बदल रही थी
सरकार शाउल के हाथ से दाउद के हाथ में रही थी
दाउद जुड़ा से था लेकिन इस्साकार के पास इस परिवर्तन की स्थिति में  अंतर्दृष्टि थी
बोलो- मैं अंतर्दृष्टि वाला हूँ
वर्तमान में तंज़ानिया के पास राजनीतिक स्थिति है परमेश्वर हमे अंतर्दृष्टि देगा
पढ़ें  सभोपदेशक 3:1 प्रत्येक बात के लिए एक समय नियुक्त है, तथा आकाश के नीचे प्रत्येक घटना का एक समय है
बोलो-
आकाश के नीचे
अधिकतर विश्वासी नहीं जानते है कि परमेश्वर के पास उसका अपना केलेंडर है, परमेश्वर का केलेंडर बाइबल में स्पष्ट तौर से बताया गया है
हम परमेश्वर के केलेंडर से रोमन केलेंडर पर गए हैं, जिसके फल स्वरुप, हम स्वर्ग की बहुत सारी आशीषों से वंचित हो जाते है
लेकिन अच्छा समाचार ये है कि  परमेश्वर अपने नियुक्त समयों को फिर से बहाल कर रहा है!
परमेश्वर के नियुक्त समय सख्त नियम जैसे नहीं है, यीशु के विश्वासी के तौर पर तुम स्वतंत्र हो उन्हें मनाने के लिए
लेकिन जब हम इन्हें मानने का चुनाव कर लेते है तब हम परमेश्वर के आशीषों के चक्र में जाते है
जब मैंने स्कूल के प्रशासन के बदलाव के कारण समस्या का सामना किया. मैंने समाधान के लिए प्रयास करने का निर्णय लिया
लेकिन कई बार हम अपने ऊपर दोष ना लेकर दूसरों पर दोष थोपने की कोशिश करतें हैं
ऐसा क्यों?
क्योंकि हम सब पापी हैं और हमें परमेश्वर की दया की ज़रुरत है
पढ़ें रोमियों 3:23, "इसलिए कि सबने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित है" पढ़ें रोमियों 6:23 "क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है."
हम कई बार सिर्फ घृणित कार्य जैसे हत्या, नशा, शारीरिक पाप आदि को ही पाप समझते है, इसका मतलब है हम बाकि पापों को नज़र अंदाज़ कर देतें है, इसका मतलब है हम स्वयं धर्मी होने की चेष्टा कर रहें हैं
रोमियों के 6:23 में लिखा है " क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है" बुराई हम सबमें है और हम दंड के भागी है
आज हम क्या सीख रहें हैं?
बोलो- हमारे पापों के बारे में  सच  और परमेश्वर से हमारा सम्बन्ध
हमारे पापों का फल है 
कैसा फल या परिणाम
बोलो - पाप परमेश्वर और मनुष्य के बीच में अलगाव पैदा कर देता है  
प्रायश्चित का दिन का मतलब था पापों का भुगतान और एक वर्ष के लिए पूरे देश के पापों से मुक्ती 
लैव्यवस्था  23:26-31 फिर यहोवा ने मूसा से कहा उसी .... 28- .... क्योंकि वह प्रायश्चित का दिन है जिसमें तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के सामने तुम्हारे लिए प्रायश्चित किया जायेगा
बोलो- परमेश्वर यहोवा के सामने  मेरे लिए प्रायश्चित किया जायेगा
पुराने नियम में पुरोहित परम पवित्र स्थान में परदे के पीछे साल में एक बार प्रवेश करता था 
लोगों और परमेश्वर के बीच में यह परदा क्यों था
बोलो- पाप के कारण
इसका मतलब है पाप की समस्या अति गंभीर है
मेरे एक सवाल है, पुराने नियम में परमेश्वर की उपस्थिति कहाँ थी?
पढ़ें लैव्यव्स्था  16:2
यह  सबसे पवित्र जगह दया की सीट पर थी
अब मेरे दूसरा सवाल है, अब उपस्थिति कहाँ है?
पढ़ें 1 कुरंथियों 6:19
क्या तुम नहीं जानते कि तुममे से प्रत्येक की देह पवित्र आत्मा का मंदिर है
इसका मतलब है कि परमेश्वर की उपस्थिति अब हमारी देह में है
ठीक!!
पढ़ें इब्रानियों 10:19, 20
इसलिए हे भाइयों जब हमे यीशु के लहू के द्वारा एक नए जीवित मार्ग से पवित्र स्थान में प्रवेश करने का साहस हुआ है जो उसने परदे अर्थात अपनी देह के द्वारा हमारे लिए खोल दिया है |
बोलो - अब परदा नहीं है हम दया की सीट के सम्मुख है
पढ़ें इब्रानियों 10:11-17
बोलो- परमेश्वर हमारे पापों को अब स्मरण नहीं करता है
मेरे पाप माफ़ हो गए है और मैं व्यवस्थाविवरण 28:1-14 के अनुसार आशीषित हूँ
1 कुरंथियों 15:3-4, के अनुसार हमारा उद्धार हमारे पापों के कारण यीशु की मृत्यु , उसका दफनाया जाना, और फिर तीसरे दिन जी उठाने पर आधारित है
आज तुम्हारे जीवन में परेशानियाँ हो सकती है, लेकिन आज ही तुम्हारी ताकत प्रभु का आनंद भी है
यह समय है परमेश्वर के नियुक्त दिन को पहचानने का
वास्तव में परमेश्वर अपने नियुक्त समय पर हमारे पास आता है
पढ़ें उत्पत्ति 3:8
बोलो - अब हमे छिपने की ज़रुरत नहीं है
यह हमारे लिए प्रायश्चित करने का अति उत्तम समय है
यह हमारे लिए परमेश्वर के साथ एक होने का अति उत्तम समय है
अपने पापों की माफ़ी मांगो
इससे पहले कि हम योयेल 2:23-28, पढ़ें मैं पहली और बाद की बरसात क्या है इसके बारे में बताना चाहूंगी
पहली बरसात का मतलब- वो आशीषें जिससे रोपण और जुताई की मिटटी वातानुकूलित हो
बाद की बरसात का मतलब- वो एक्स्ट्रा आशीषें जिनसे अतिरिक्त बम्पर फसल की पैदावार हो
क्या मैं पूछ सकती हूँ कि आपमें से कोई अपनी प्रतिज्ञा के कारण बंदिश में है, और अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने में असमर्थ है
सभोपदेशक में लिखा है कि जल्दबाजी में अपने मुह से कोई प्रतिज्ञा ना करे
गिनती 30:1-16, प्रतिज्ञा सम्बंधित निर्देश देता है
आज का दिन प्रायश्चित का दिन है अपनी गलती के लिए क्षमा मांग लो
लैव्यवस्था 5:4-6, के अनुसार प्रायश्चित करो और अपनी सबसे अच्छी भेंट परमेश्वर के सम्मुख लाये 
बोलो- आज मैं परमेश्वर के साथ एक हो गया हूँ
पढ़े योयेल 2:23-28
अपने जीवन में इन वचनों को क्लेम करो

God is restoring His appointed times!

last week I faced a very serious problem in my school. Form 4 exams are just at the door, and I received a letter from the National Board, that one of our students cannot sit for the examination. The reason was very simple she did not qualify Form 2 examination.
It blew my head; I never expected this kind of blunder under my administration. The first thing came to my mind was blaming the previous head teacher. How could he give admission to a child who failed the qualifying test for Form 2? But soon I knew, blaming others will not help me. What I needed then was a solution to the problem.
You will ask me did I get the solution to the problem.
Yes I did
Say- Success is based on good soil.
Say- I am good soil
Read 1 Chronicles 12:32, “And of Issachar, men who had understanding of the times to know what Israel ought to do, 200 chiefs; and all their kinsmen were under their command” 
If we look into these issues very carefully we come to know that-
The tribes were in great conflict and changes.
The government was changing.
They were moving from the government of the house of Saul to the government of the house of David. 
David was of Judah but Issachar could give great insight
Say – I have great insight
We have here political situation, God will give you insight
Read Ecclesiastes 3:1 To everything there is a season, and a time for every purpose under heaven.
Say – under heaven
Most believers don't know that God has His own calendar. God’s timetable is clearly revealed in the Bible!
We have turned from God’s calendar to Roman calendar.  As a result, we lost many of the blessings of heaven that God wanted to pour upon us in time.
But the Good News is that God is restoring His appointed times!
The appointed times of God are not some strict rules to follow. As a believer in Jesus, you are free to celebrate them or not. 
But when we choose to line up our lives with the appointed times of God, we enter His cycle of blessing!
When I faced the problem due to change in the school government I knew I have to be wise
But we often don't really want to take the blame or the responsibility for things; rather we look around for someone to put blame on.
Why?
Because we are all sinners. We all need the grace of God.
Read Romans 3:23, "All have sinned; all have fallen short of the glory of God." Read Romans 6:23 "the wages of sin is death."
We generally think of evil only to those actions and attitudes that are particularly unacceptable like murder, drugs addiction, killing, sexual sin etc. This means we leave other sins out, it means we are trying to be self righteous.
Bible says in Romans 6:23 "the wages of sin is death."
Evil is in all of us. We all deserve the death penalty before God.
What are we learning today?
Say- Truths about our sin and our relationship with God.
Our sin has consequences.
What kind of consequences?
Say – Sin causes a separation between men and God.
Day of Atonement is about the payment and removal of the sins of the nation for a year,
Leviticus 23:26-31, The Lord spoke to Moses, saying, “On exactly the tenth day of this seventh month is the Day of Atonement; it shall be a holy convocation for you, and you shall humble your souls and present an offering by fire to the Lord. You shall not do any work on this same day, for it is a Day of Atonement, to make atonement on your behalf before the Lord your God.....
Say - on my behalf
In the Old Testament, Priest would go in the Holy of Holies, the Most Holy Place behind the curtain only once a year
Why did the priest have the curtain between men and God?
Say- because of their sins
It means sin is a very serious issue
I have a question here, where was the presence in the Old Testament?
Read Leviticus 16:2
and the LORD said to Moses, “Tell Aaron your brother not to come at any time into the Holy Place inside the veil, before the mercy seat that is on the ark, so that he may not die. For I will appear in the cloud over the mercy seat.
It was upon the mercy seat in the most holy place
Now I have another question, where is the presence now?
Read 1 Corinthians 6:19
Do you not know that your body is a temple of the Holy Spirit, who is in you, whom you have received from God? You are not your own;
Read Hebrews 10:19, 20
Therefore, brothers, since we have confidence to enter the Most Holy Place by the blood of Jesus, by a new and living way opened for us through the curtain, that is, his body,
When Christ died, he gave us boldness to go before God
Say – the curtain is no more we are before the mercy seat
Read Hebrews 10:11-17
Say – God does not remember my sin any more
My sins are forgiven and now I am under the blessings as per Deuteronomy 28:1-14
As per 1 Corinthians 15:3-4, Our salvation is still based on, Jesus Christ died for our sins, He was buried, and He rose the third day
You may have trouble in your life but today joy of the lord is your strength
This is the time to recognize the appointed time of God
Actually during the appointed time God came near His people
Read Genesis 3:8
Say- We will not hide anymore
This is the best time for us to repent and be at one with God
Repeat a repentance prayer
Before we read Joel 2:23-28, 
I would like to explain what is former and latter rain
Former rain means – blessings which conditioned the soil for plowing and planting
Latter rains means- extra blessing ripening bumper harvest
May I ask if someone is under the bondage due to vows he/she made but could not fulfill,
As per Ecclesiastes don’t be hasty in vowing and then do not be able to fulfill
You can be free but in future don’t be hasty in pledging
Numbers 30:1-16, talks about vows and pledges
Today is the day of atonement repent before God
According to Leviticus 5:4-6, repent and give your best offering unto the Lord
Say- today I have become at one with God
Read Joel 2:23-28

claim these words in your life