Saturday, March 27, 2010

Sunday Message-Who is He?/वह कौन है?

यह वह व्यक्ति है जो कुंवारी का पुत्र है, पशुशाला में पैदा हुआ, तीस वर्ष की अवस्था तक बढ़ई का काम किया, सिर्फ तीन वर्ष तक स्वर्ग के राज्य का प्रचार किया |
उसके पास उसका अपना घर ना था
उसने कभी कोई पुस्तक ना लिखी
वह कभी कालेज ना गया
वह अपने जन्म स्थान से कभी भी 200 मील से ज्यादा दूरी पर ना गया
वह निष्पाप था फिर भी उसे दंड दिया गया
उसके मित्र उसे छोड़ कर भाग गए
उनमे से एक ने तीन बार उसका इन्कार किया
उनमे से एक ने उसके साथ विश्वासघात किया
उसे ऐसे दंड को भुगतना पड़ा जो उसका था ही नहीं
उसे निर्दोष पाया गया फिर भी मृत्यु दंड मिला
उसे सूली पर अमानवीय मृत्यु दंड दिया गया
निर्दोष होने के बाद भी उसे दो अपराधियों के बीच में लटकाया गया
सजा देने वालों ने उसकी इकलौती संपत्ति, उसके वस्त्रों का बटवारा किया
जब वह मर गया तो रहम खाकर एक मित्र ने उसे अपनी गुफा में दफ़न किया
लेकिन कब्र भी उसको ना रोक सकी
वह तीसरे दिन जी उठा
कौन है वह व्यक्ति?
क्या है उसका नाम?
कैसा है उसका DNA ?
2000 वर्ष बीत चुके है, फिर भी यह व्यक्ति दुनिया की इतिहास का केंद्र है
वास्तव में आज का कलेंडर उसके जन्म के वर्ष से शुरू होता है
आजतक जितनी भी सेनाओं ने मार्च किया है, जितने भी राज्यों का निर्माण हुआ है, जितनी भी संसदें बैठी हो, जितने भी राजाओं ने राज्य किया हो, इन सब शक्तिशाली लोगों को एक साथ राख दो, फिर भी उन्होंने दुनिया को इतना प्रभावित नहीं किया है जितना इस अकेले व्यक्ति ने किया है
अपने उपदेश के तीन वर्ष के छोटे से समय में उसने दुनिया के ऊपर इतना गहरा प्रभाव छोड़ा है उतना कोई ना कर सका
उसने कोई तस्वीर ना रंगी, फिर भी दुनिया के चुने हुए कलाकार उससे प्रेरित थे
उसने कोई कविता ना लिखी, फिर भी दुनिया के प्रसिद्द कवि उससे  प्रेरित थे
उसने कोई संगीत नहीं लिखा, फिर भी उस पर जितने गीत लिखे गए उतने किसी पर ना लिखे गए
वह व्यक्ति जो कुंवारी से जन्मा
जिसे मौत भी ना रोक सकी
जो निष्पाप होते हुए भी हमारे अपराधों के कारण कुचला गया
जिस पर हमारे कुकर्मों की ताड़ना पड़ी
जो कल भी लोगों को चंगा कर रहा था और आज भी कर रहा है
जिसके विषय में पवित्र शास्त्र कहता है
पढ़ें युहन्ना 1:1-2 , 14
आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था और वचन परमेश्वर था यही आदि में परमेश्वर के साथ था |
और वचन जो अनुगृह और सच्चाई से परिपूर्ण था, देहधारी हुआ और हमारे बीच में निवास किया, और हमने उसकी ऐसी महीमा देखी जैसे पिता के इकलौते की महीमा |
पढ़ें युहन्ना 3:17
क्योंकि परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिए नहीं भेजा कि जगत को दोषी ठहराए, परन्तु इसलिए कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए |
पढ़ें इफिसियों 1:21-22
जिसे उसने मसीह में पूरा किया जब उसने उसे मरे हो में से जिलाकर अपनी दाहिनी ओर स्वर्गीय स्थानों में अर्थात सब प्रकार की प्रधानता, अधिकार, सामर्थ्य और प्रभुता के तथा प्रत्येक नाम के ऊपर, जो ना केवल इस युग में बल्कि आने वाले युग में भी लिया जाएगा, बैठाया |
तो फिर !!!!
कौन है यह व्यक्ति?
क्या है इसका नाम?
कैसा है इसका DNA ?
यह प्रश्न हमें अगले प्वाइंट पर ले आता है
वह परमेश्वर का पुत्र है
इसका मतलब है कि वह परमेश्वर के स्वभाव और गुणों वाला है
इसका मतलब है वह अधिकारों  में सबसे ऊँचा है, तभी दुष्टात्माएं भागीं, तूफ़ान रुका, बीमारी हटी, इत्यादि
पढ़ें युहन्ना 17:5
हे पिता अब तू अपने साथ मेरी महिमा उस महिमा से कर जो जगत की उत्पत्ति से पहले तेरे साथ मेरी थी
यह व्यक्ति पूरी तरह से परमेश्वर और पूरी तरह से मनुष्य का पुत्र है
यह व्यक्ति आज है कल था और सदा सर्वदा रहेगा
यह व्यक्ति यीशु है
जिसमें परम-पिता परमेश्वर का DNA है
क्या तुम ऐसे व्यक्ति को अपना मित्र बनाना चाहोगे?
क्या तुम अपने पापों से मुक्त होना चाहोगे?
तो अपने स्थान पर खड़े हो और मेरे साथ प्रार्थना करो
प्रभु यीशु मैं स्वीकार करता हूँ कि आप परम-पिता के पुत्र है, मुझसे जाने अनजाने बहुत सी गलतियाँ हुई है, मैं उनके लिए आपसे क्षमा मांगता हूँ और स्वीकार करता हूँ कि आप मेरे पापों के लिए मरे और फिर मरे हों में से जिन्दा हो उठे ताकि मैं अनंत जीवन पायुं|
धन्यवाद मेरा नाम जीवन की पुस्तक में लिखने के लिए
धन्यवाद मुझे अपना मित्र बनाने के लिए
मेरे प्रभु बनो और मुझे रास्ता दिखाओ
अमीन
पढ़ें युहन्ना 1:१२
परन्तु जितनो ने उसे गृहण किया उसने उन्हें परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास करते है
बोलो- मैं यीशु द्वारा परमेश्वर की संतान बन गया हूँ.
मेरा DNA परम-पिता परमेश्वर का है
फिर मैं बीमार क्यों पडू ?
फिर मैं असफल क्यों हूँ?
मैं जयवंत हूँ
परमेश्वर का आशीष तुम पर हो!!!

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